हिन्दी व्याकरण
शब्दों में सूक्ष्म अंतर
कुछ शब्द ऐसे होते हैं, जिनके अर्थ लगभग समान होते हैं, किन्तु उनके अर्थ में सूक्ष्म अन्तर होता है। यहाँ कुछ शब्द और सूक्ष्म अन्तर दिये गये हैं।
अस्त्र- फेंककर चलाया जाने वाला हथियार जैसे परमाणु बम ।
शस्त्र- हाथ में लेकर चलाया जाने वाला हथियार जैसे-बन्दूक ।
अज्ञानी- जिसे कुछ भी ज्ञान न हो। अनभिज्ञ-जिसे कुछ भी अनुभव न हो।
अध्यक्ष-विभाग का प्रमुख
सभापति- सभा की अध्यक्षता करने वाला।
अध्ययन सामान्य रूप से पढ़ना-लिखना ।
अनुशीलन- गम्भीर तथा शोधपरक अध्ययन
अतिल-भौंरा ।
अली-सखी।
भिज्ञ- जानकार।
अनभिज्ञ-अनजान
अवलम्ब- सहारा।
अविलम्ब - शीघ्र
अविराम लगातार
अभिराम- सुन्दर ।
प्रलाप- बकवास
विलाप - रोना।
श्वजन- कुत्ता ।
स्वजन -आदमी
पुरुष आदमी।
परुष- कठोर।
कुल-वंश
कूल किनारा।
निर्धन (दरिद्र) - जिसके पास कोई सम्पत्ति न हो।
दीन-निर्धन होने के चलते स्वाभिमान से रहित।
कलंक- किसी चुराई के चलते प्राप्त लांछन ।
अपयश- व्यापक बदनामी, बुराई।
कविता-पद्यबद्ध कथन।
काव्य-कवि का कृतित्व ।
कष्ट- तन और मन की असुविधा क्लेश- पूरे मन का अप्रिय भाव।
व्यथा- कष्टकारक अनुभव।
चेष्टा- शक्ति के अनुसार कार्य।
प्रयत्न-उपाय या प्रयास।
मुनि-धर्म या आध्यात्मिक तत्त्वों को बताने वाला।
ऋषि- मन्त्रों या आध्यात्मिक तत्त्वों को बताने वाला।
माप- तरल पदार्थों की तौल।
नाप- लम्बाई या दूरी का आकलन
क्षमता- कार्य करने की सामर्थ्य या शक्ति।
योग्यता - कार्य करने की गुणयुक्त विशेषता।
वीरता- वीर का स्वाभाविक गुण
साहस- भय पर विजय पाने का भाव।
स्त्री-कोई भी महिला पत्नी-किसी पुरुष की विवाहित स्त्री।
सभ्यता- रहन-सहन या व्यवहार का बाहरी रूप
संस्कृति-- आन्तरिक सुन्दर संस्कार
सेवा-गुरुजनों के लिए परिजन का कार्य
शुश्रूषा- रोगी व्यक्ति के लिए कार्य।
परिचर्या- दोनों प्रकार की सेवा।
अवस्था-दशा।
आयु-उम्र
अलौकिक- जो संसार में प्राप्त न हो, स्वर्गिक, ईश्वरीय
असाधारण- सामान्य से अधिक विशेषता युक्तः ।
निश्चय- तय करना।
संकल्प- प्रणपूर्वक निश्चय ।
भक्ति-धर्म की भावना से युक्त प्रेम।
श्रद्धा- किन्हीं गुणों के कारण आदर सहित प्रेम।
संघर्ष- परिस्थितियों से व्यक्तियों से सामना करना।
द्वन्द्व- दो व्यक्तियों या भावों के बीच संघर्ष।
तट- नदी या समुद्र का किनारा। पुलिन - किनारे की गीली भूमि ।
जलद बादल।
जलधि-समुद्र।
अनिल-हवा
अनल-आग
बात - वार्ता।
वात-हवा
श्रवण- कान
श्रमण- भिक्षु।
वसन- वस्त्र
व्यसन- आदत
अविराम- बिना रोक के
अभिराम- सुन्दरा
अंश- भाग
अंशु- किरण।
कटिबन्ध- करधनी
कटिबद्ध- तैयार
बात- बातें
वात- हवा
द्रव- तरल पदार्थ
द्रव्य- धन।
स्वर्ण- सोना
सवर्ण- उच्च जाति।
विहग- पक्षी
विहंग- तोता
अंस- कंधा
अंश- हिस्सा
अचार- मुरब्बा
आचार- आचरण
अभय- निडर
उभय- दोनों।
अंबुज- कमल
अंबुद- बादल।
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